क्या करें जब कोरोना संक्रमित हो जायें

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0️⃣जब कोरोना हो जाए तो होम आइसोलेशन का पालन करते हुए कैसे रहे,इस विषय पर काफी लेख और वीडियो कंटेंट इन्टरनेट और सोशल मीडिया पर उपलब्ध हैं, मगर उचित आहार-विहार,व्यवहार तथा दिमागी सोंच की दिशा-दशा के संबंध में सही मार्गदर्शन करने वाली सामग्री का सर्वथा अभाव है। अतः हम यहाँ उन्हीं अछूते किन्तु अति आवश्यक विन्दुओं पर फोकस करेंगे जो व्यावहारिक हैं और बेहतर परिणाम दे सकते हैं। 

1️⃣   कैसे पहचाने कि कोरोना संक्रमित हो गये हैं?                ■■ आँखे हल्की लाल,उनसे पानी आना,सिरदर्द, बुखार, कमजोरी, पीठ-कमर-नितम्बों में दर्द, नाक के सबसे अंदरूनी हिस्से में शुष्कता, भूख का अभाव,गंधलोप,स्वादलोप, जी मिचलाना, पेट में ऐंठन, दर्द, डायरिया/डिसेन्ट्री,अन्य गैस्ट्रो-इन्टेस्टीनल दिक्कतें इत्यादि लक्षण हो तो समझ जायें कि आप कोरोना पीड़ित हैं। विश्वास नहीं तो रैपिड टेस्ट करवा कर देख लें। यह टेस्ट आपके नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर मुफ्त उपलब्ध है। यह जाँच लगभग 80% विश्वसनीय है। लक्षण हो और टेस्ट रिपोर्टें निगेटिव आये तो भी खुशफहमी न पाले बल्कि समझ जायें कि अब खुद को घर के एक कोने में समेट लेने का समय आ गया है। 

2️⃣ कोरोना पाजिटिव कन्फ़र्म हो जाएँ तो क्या करें?

 ■■ याद रहे शरीर को पूर्ण निष्क्रियता से बचाएँ। साफ-सफाई पर ध्यान दें। रोज स्नान करें। कमरे में कुछ धुप आती है तो बहुत अच्छी बात है। गरमी,नमी और अंधेरे से फंगस की उत्पत्ति और वृद्धि होती है। (कोरोना के साथ अब ब्लैक फंगस संक्रमण के द्वारा म्यूकर-माइकोसिस नामक जानलेवा फौलोअप बीमारी भी हो रही है)   



                                               टेस्ट या बिना टेस्ट जब कंफर्म हो जाए कि आप कोरोना पाजिटिव हैं तो पहले दिन ठोस आहार छोड़ दें। दो लीटर से कुछ अधिक विभिन्न ताजे फलों के रस जिसमें नारियल पानी (डाभ),मुसम्बी,नारंगी शामिल हैं अलग-अलग व्यवस्थित कर लें। दिन भर में पूरा जूस पी जायें। दूसरे दिन भी ऐसा ही करें थोड़े परिवर्तन के साथ। आधा लीटर जूस कम कर खीरा और सेव को शामिल करें। तीसरे दिन फ्रूट सलाद या फल की मात्रा बढा लें। यहाँ सलाद से हमारा मतलब केवल फल-सब्जियों के स्लाइस्ड मिक्स से  है। प्याज, हरी मिर्च, सलाद क्रीम,toppings इत्यादि का प्रयोग नहीं करना है । खीरा के साथ नींबू का रस उपयोग किया जाना जरूरी है। काजू,पिस्ता,बादाम,अखरोट इत्यादि ड्राई फ्रूट्स के बारे में तो सोचें भी नहीं। चौथे दिन से धीरे-धीरे सुपाच्य  हल्के ठोस आहार की दिशा में बढ़े। इसमें बार्ली,,दलिया, मूँग दाल +चावल की खिचड़ी को शामिल कर सकते हैं। मगर मुसम्बी, खीरा,नींबू, ताजे फलों का सेवन जारी रखें। आप जल्द ही स्वस्थ्य हो जायेंगे। वो भी बिना किसी दवा के!अगर दवा खाने की तलब परेशान करे तो सुबह शाम चुटकी भर गिलोय चूर्ण शहद या मिस्री के साथ ले सकते हैं अथवा टीनोस्पोरा कार्डिफोलिया मदर टिन्कचर नामक होमियोपैथिक दवा ले सकते हैं। पारासेेटामोल का उपयोग केवल तभी करें जब बुखार 100° फारेनहाइट से बढने लगे ।लाइसेंसधारी मौत के सौदागरों के चंगुल में फंसे तो भैया उपर का टिकट रिजर्व समझो।जेब में पैसा है, दिल में मौत का खौफ है तो अस्पताल जरूर जाना चाहोगे। हमने तो इन्सानी फर्ज समझ कर सच्चाई बयां करी,बाकी आपकी मर्जी। 

3️⃣ मनःस्थिति 

 मेरे जान-पहचान के अनेक लोग जिन्हें कोरोना वायरस रूपी काल अपने गाल में समा चुका है पहले से किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित नहीं थे।किन्तु कोरोना के हल्के प्रभाव से ही दुनिया छोड़ गए। उनकी समस्या जिस्मानी कम और दिमागी ज्यादा थी।मौत का डर,घबड़ाहट और टीवी-सोशल मीडिया पर चल रहे भौकाल से अत्यधिक प्रभावित होना ही उनकी जान का दुश्मन बन गया। शायद आप ने भी देखा-सुना होगा कि कई बार पानी के विषहीन ढोरवा सांप के काटने पर भी लोग मर जाते हैं। वे सांप के ज़हर से नहीं, अपनी मानसिकता की वजह से मरते हैं। वही कंडीशन्स आज कोरोना से होने वाली एक तिहाई मौतों के संदर्भ में लागू होती है। 

4️⃣ जिन्दा बचने के उपाय 

■ हौसला बुलंद रखें। 

■ बिल्कुल न घबराये 

■ सोचें यह एक प्रकार का जुकाम है, मेरा कुछ नहीं बिगड़ा सकता। 

■ शरीर को राहत देने वाले आहार-विहार,नियम-संयम का पालन करते रहें। 

 ■ निम्नलिखित मंत्र का जाप दिन में 24 बार करते हुए अपनी भावनाओं को संयत रखें-  " जो डर गया समझो मर गया "


 


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