Crop cutting machines : suitable for small farmers

जैसा कि हम जानते हैं अब गांव में पहले की तरह पर्याप्त कृषि मजदूर नहीं मिल पाते हैं क्योंकि ज्यादातर लोग उद्योगों में काम करने के लिए तथा निर्माण स्थलों पर काम करने के लिए पलायन कर गए हैं वह बड़े शहरों में और नए बस रहे औद्योगिक नगरों में जाकर रोजगार तलाशते हैं।जबकि दूसरी तरफ बढ़ती हुई जनसंख्याके कारण भूमि पर जनसंख्या का घनत्व बढ़ता जा रहा है इस कारण जोतें छोटी होती जा रहीं हैं। इसी क्रम में बड़े किसान मध्यम में मध्यम किसान लघु में और लघु किसान सीमांत किसान के रूप में तब्दील होते जा रहे हैं जिसका परिणाम यह हुआ कि खेती में बड़े यंत्रों जिनकी कीमत बहुत अधिक है का उपयोग भौतिक एवं आर्थिक रूप से व्यवहारिक नहीं रह गया है। बढ़ी हुई श्रम लागत और मजदूरों की कमी के कारण बहुत से किसानों ने खेती करना छोड़ दिया है और वे जमीनों को बँटाई या किराये पर उठाना पसंद करते हैं अथवा परती छोड़ देते हैं। यह सारी बातें तो केवल समस्या से संबंधित है किंतु जरूरी है इसका समाधान।अन्यथा भारत में कृषि का विकास होने की बजाय पूरी तरह विनाश हो जाएगा।
 समाधान : बदलते परिदृश्य में कॉस्ट एफिशिएंट विकल्प उपलब्ध है बस जरूरत है उनके बारे में जानने की और उनका खेती में सही ढंग से उपयोग करने की। यदि सकारात्मक सोच के साथ उपयुक्त कृषि यंत्रों का चयन कर इस्तेमाल किया जाए तो उत्पादन लागत में प्रभावीरूप से कमी आएगी और खेती मुनाफे का सौदा बन सकेगा। 
   

 फसल काटने वाली मशीनें छोटे किसानों के लिए फसल कटाई के श्रम-गहन कार्य को काफी आसान बना सकती हैं। छोटे पैमाने पर खेती के लिए उपयुक्त फसल काटने की मशीन का चयन करते समय, आपके द्वारा उगाई जाने वाली फसलों के प्रकार, आपके खेत का आकार, आपका बजट और आपके क्षेत्र में स्पेयर पार्ट्स और सेवा की उपलब्धता जैसे कारकों पर विचार करना महत्वपूर्ण है। यहां छोटे किसानों के लिए उपयुक्त कुछ फसल काटने वाली मशीनें दी गई हैं:

 मिनी हार्वेस्टर: मिनी हार्वेस्टर छोटी, हल्की मशीनें हैं जिन्हें छोटे खेतों के लिए डिज़ाइन किया गया है। वे बहुमुखी हैं और उनका उपयोग चावल, गेहूं, मक्का और अन्य विभिन्न फसलों को काटने के लिए किया जा सकता है। कुछ लोकप्रिय ब्रांडों में कुबोटा, यानमार और महिंद्रा शामिल हैं।13 से 15 लाख रुपए के बजट में मध्य किसानों के लिए 74 एचपी का मिनी कंबाइन हार्वेस्टर पंजाब के नाभा में उपलब्ध है जिससे फसल कटाई और अनाज निकालना के लिए लागत ₹1200 प्रति बीघा आती है।


 रीपर बाइंडर: रीपर बाइंडर गेहूं, जौ और जई जैसी फसलों की कटाई और बांधने के लिए उपयुक्त हैं। वे फसल काटते हैं और स्वचालित रूप से उसे बंडलों में बांध देते हैं, जिससे किसानों के लिए इसे संभालना आसान हो जाता है।ये दो तरह के होते हैं : ट्रैक्टर माउंटेड रीपर बाइंडर और रीपर बाइंडर मशीन। जिन किसानों के पास पहले से ट्रैक्टर है वे 2.6 से 3 लाख रूपये की लागत से रीपर बाइंडर इक्विपमेंट ले सकते हैं जो ट्रैक्टर से जुड़ कर संचालित होता है।जबकि सवा लाख से 5 लाख रुपये के निवेश से ऐसा रीपर बाइंडर ले सकते हैं जिसके उपयोग के लिए ट्रैक्टर की जरूरत नहीं है।इन में इंजन लगे हुए हैं जो किफायती भी हैं , उपयोग में आसान भी।

 सिकल बार घास काटने की मशीन: छोटे पैमाने पर घास या चारा फसल उगाने वाले किसानों के लिए सिकल बार घास काटने की मशीन लागत प्रभावी उपकरण हैं। वे मैनुअल या ट्रैक्टर-चालित हैं और घास और अन्य चारा फसलों को कुशलतापूर्वक काट सकते हैं।
हैंडहेल्ड ब्रश कटर: ये सीमित बजट और छोटे खेतों वाले छोटे पैमाने के किसानों के लिए आदर्श हैं। हैंडहेल्ड ब्रश कटर का उपयोग घास, खरपतवार और छोटी झाड़ियों को काटने के लिए किया जा सकता है।

 

चारा काटने की मशीन: यदि आपके पास पशुधन है और आपको चारा काटने की जरूरत है, तो चारा काटने की मशीन एक मूल्यवान अतिरिक्त उपकरण हो सकता है। यह पुआल, घास और अन्य चारे को छोटे टुकड़ों में काटने और काटने में मदद करता है।

 मिनी कंबाइन हार्वेस्टर: कुछ छोटे पैमाने के किसान मिनी-कंबाइन हार्वेस्टर में निवेश करने पर विचार कर सकते हैं जो छोटे खेतों के लिए डिज़ाइन किए गए हैं और कई फसलों की कटाई कर सकते हैं। प्रीत और फील्डकिंग जैसे ब्रांड ऐसी मशीनें पेश करते हैं।यदि बजट कुछअच्छा होतो किर्लोस्कर का 15 एचपी वाला मेगा टी मिनी कंबाइन हार्वेस्टर जिसकी कीमत लगभग 9 लख रुपए है एक अच्छा विकल्प हो सकता है।


अनुकूलित स्थानीय मशीनें: आपकी विशिष्ट फसल और क्षेत्र के आधार पर, आपको स्थानीय रूप से निर्मित फसल काटने वाली मशीनें या मौजूदा मशीनरी में संशोधन मिल सकते हैं जो आपकी आवश्यकताओं और बजट के अनुरूप हों।
 मशीन चुनते समय, रखरखाव की आवश्यकताओं, स्पेयर पार्ट्स की उपलब्धता और उपकरण के संचालन और रखरखाव के लिए प्रशिक्षण जैसे कारकों पर विचार करें। इसके अतिरिक्त, अपनी विशिष्ट आवश्यकताओं और परिस्थितियों के आधार पर एक सूचित निर्णय लेने के लिए स्थानीय कृषि विस्तार सेवाओं या अपने क्षेत्र में समान उपकरणों के साथ अनुभव रखने वाले साथी किसानों से सलाह लेना एक अच्छा विचार है।

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